पान मसाला, मसालों का शहंशाह है . जो तासीर इसमें है, वो किसी खाने योग्य मसाले में नहीं है. वे परम मूढ़ हैं, जो पान मसाले का सेवन किये बिना ही इसे हानिकारक बताते हैं . वे दुर्भाग्यशाली हैं, जो इस चैतन्यचूर्ण का चर्वण नहीं करते . यह वह सर्वसुलभ खाद्य पदार्थ है जो सर्वत्र सहज ही उपलब्ध है . इसके कई नाम हैं . तथापि इनमें जो तम्बाकुयुक्त होते हैं, उनको इस भूलोक में गुटका नाम से विशेष लोकप्रियता प्राप्त है . घर से बहार निकलते ही 2-4 शॉप्स छोड़कर इसे किसी भी दुकान से हासिल किया जा सकता है .
गुटका स्थायी और अस्थायी, दोनों प्रकार की दुकानों पर मिल जाता है . पान मसाला अपने मालाकारी स्वरुप में आपके गले पड़ने को बराबर लालायित होता है. यह मनुष्य के मुखमंडल कि शोभा है . यह मुख की एक्सरसायिज़ का साधन है . आइये, आज हम आपको गुटके के कुछ बेनिफिट्स के बारे में बताते हैं . गुटका रोज़गार देता है . यदि आप गुटका खाते हैं, तो यह पुण्य का काम है .इससे आप कईयों को रोज़गार दिलाने में सहायक होते हैं . आप उन छोटे-मोटे दुकानदारों को तो कमाई का मौका देते ही हैं, जो इनको बेचते हैं, मगर आप दांत और गले के डॉक्टरों एवं कैंसर रोग विशेषज्ञों कि क्लिनिक्स चलवाने में भी सहयोगी होते हैं . अगर आप जैसे लोग गुटका खाना बंद कर देंगे, तो तमाम रोग आपका सानिध्य पाने से वंचित रह जायेंगे . जब आप रोगी ही नहीं रहेंगे, तो आप चिकित्सकों कि शरण में नहीं जायेंगे . आपके न जाने से उनकी प्रैक्टिस पर बैड इफेक्ट पड़ेगा . आपसे उनको फीस नहीं मिलेगी . उनके बाल-बच्चे तक गुटके की 1 पुडिया खाने को तरसेंगे . इस नाते ऊपर वाले भगवान के लिए न सही, इस धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की रोज़ी-रोटी की खातिर गुटके का सेवन करते रहिये. पुण्य मिलेगा .
पान मसाला खाने वालों में चित्रकारिता कि अकूत संभावनाएं देखी गयी है . ऐसा व्यक्ति जहाँ पर भी खड़ा होता है, वहां कि ज़मीन प्रतीक्षारत होती है कि उस पर अब शीघ्र ही चित्रांकन होने वाला है . तो आप भी पान मसाला अपने मुंह में ठूसिये और चित्रकार बनिए . अपने मुंह कि पीक फर्श पर, बगल कि दीवारों पर, बीच सड़क पर या किसी पर भी दे मारिये . फिर देखिये बिना ब्रश-कूची के कितना रंगीन चित्रांकन होता है ? आप चाहें तो अपने मुंह के कोड़ों को बदल कर नए-नए आकार की पेंटिंग बना सकते हैं .
पान मसाला गर्व से सर उठाने का अवसर देता है . आपको 1 राज़ कि बात बताऊँ . पान मसाले के सेवनकर्ता में सरवाईकल स्पेंडीलईटिस की संभावना नगण्य हो जाती है . इसका रीज़न यह है कि कोई जब इसे खा लेता है, तो उसकी गर्दन तन जाती है . वह किसी से बात भी करता है, तो उर्धमुखी होकर करता है. कुछ-2 उसी तरह, जैसे कुत्ते और सियार ऊपर आसमान कि ओर सर उठाकर बोला करते हैं . जब मुंह में मसाला भरा होता है, तो आदमी की वाणी में संयम आ जाता है . वह मौनव्रतधारी हो जाता है और हर प्रश्न का उत्तर हूँ-हाँ में देता है . इस तरह पान मसाला पुण्यकारी है . आरोग्यदायक है . कलात्मक प्रतिभा निखारने में सहायक है . इसके सेवन के अनेकानेक फायदे हैं . सबसे बड़ा फायदा है कि इसके सेवन के बाद आपको ज़िन्दगी कि मुश्किलों से जल्दी ही मुक्ति मिल जाती है .
लेख़क- सूर्यकुमार पाण्डेय