छुट्टन भाई (नाम बदला हुआ है, उनके विचारों की मौलिकता और महानता को देखकर ऐसा करना पड़ रहा है) ने फैसला कर लिया है की आने वाले चुनाव में उतरेंगे . छुट्टन भाई और यह खाकसार कक्षा 5 तक साथ पढ़े हैं . इसके बाद छुट्टन भाई ने ज्ञान का प्रैक्टिकल रास्ता पकड़ा और सीधे कर्मभूमी में उतर लिए . सिनेमा टिकटों की ब्लैक, जेबकटी, अपहरण के रास्ते अब वह नेता बनना चाहते हैं . चुनावी कवरेज के लिए उनका इंटरव्यू करने चला गया .
सवाल- आप पौलेटिक्स में आने की बात कर रहे हैं . आप के आदर्श क्या हैं ?
जवाब- हमारा आदर्श पकिस्तान है, बहुत सेट पौलेटिक्स है वहां की . मज़े हैं, कम से कम पौलेतीशिंस के .
सवाल- पर कैसे, कानून और व्यवस्था से निपटने की आपकी क्या पॉलिसी होगी ?
जवाब- पकिस्तान का फंडा हमने सीखा है- बर्खास्त करो . पकिस्तान में यही होता है की प्रेसिडेंट चीफ जस्टिस को बर्खास्त कर देते हैं . चीफ जस्टिस प्रेसिडेंट को बर्खास्त कर देते हैं . प्रेसिडेंट सुरक्षा सलाहकार को बर्खास्त कर देते हैं . इस तरह से सब एक दूसरे को बर्खास्त करते रहें, तो पब्लिक कन्फ्यूजिया जाती है की भैया अब सारे ही बर्खास्त हैं, कोई कुछ नहीं कर सकता, सिवाए लश्कर, तस्कर वगैरा के . सो घर से बहार निकलना ही बंद कर दो . पब्लिक घर से निकलना ही बंद कर दे तो लौ एंड आर्डर की प्रौब्लम उठती ही नहीं है .
सवाल - आपकी विदेश नीती क्या होगी ?
जवाब - इसमें भी पकिस्तान से सीखा है, जो भी विदेशी मेहमान आयें, उसे बस में बिठाकर ले जाओ . फिर रास्ते में तैनात बंदूकधारियों से कहो की चला भाई गोली-वोली . गोलाबारी में मेहमान घबरा जाएँ, तो उन्हें अस्पताल में ले जाओ . संतरा, अनार वगैरा दो . मेहमान गदगद हो जायेंगे . अभी जान के लाले पड़े हुए थे, अब संतरा मिल रहा है . बम और संतरे के बैलेंस से हम विदेशी मेहमानों को खुश कर सकते हैं . अभी श्रीलंका के संघकारा, महेला जयवर्धने, मुरलीधरन ऐसे ही बहुत खुश होकर लौटे हैं . मुरलीधरन तो अपनी टी-शर्ट भी बस ड्राइवर को गिफ्ट कर गए हैं . विदेशी मेहमानों को ऐसे ही हम भी खुश करेंगे .
सवाल- आपकी आर्थिक नीती क्या होगी ?
जवाब- हम बुनियादी बातों की बात कर रहे हैं, बुनियाद की और जा रहे हैं . इंसानी सभ्यता की बात जंगल में रखी गयी थी . पकिस्तान के रस्ते पर ऐसा डौल जमा देंगे की हर बन्दे के पास एके 47, हर एक के पास मिसाइल, हर एक के पास न्यूक्लीयर बम होगा . जब मन करे, तब फोड़ दे . सब फूट-फाट जायेगा . फिर से सब जंगल लौटेंगे, सेब, केला खायेंगे . खरगोश, हिरन को मार गिराएंगे . रात में गुफा में घुसकर सो जायेंगे . जंगल में शौपिंग मॉल नहीं होंगे, जो कंज्यूमर्स को ठग नहीं पाएंगे . मोबाईल ओपेरटर नहीं होंगे, तो कस्टमर को वो चूना नहीं लगा पाएंगे . इस तरह से हम पब्लिक को तमाम तरह के थागियों से बचायेंगे . हमारा नया स्टाइल, ठग के खिलाफ मिसाइल .
ऐसे मौलिक और महँ विचार, मैं तो इम्प्रेस हो गया हूँ और आप ?
लेख़क- आलोक पुराणिक
लेख़क- आलोक पुराणिक
Mafia MP isi tarah ke jawab dete hain!!!!!
ReplyDeleteM.P. matlab gunda!!!!!!!!!
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