Saturday, March 13, 2010

सस्ते की रेस

आज के इस महंगाई रिमलावट के जानलेवा यानी डेडली कौम्बीनेशन मयी युग में जब किसी मेगामार्ट का वाक्य- सबसे सस्ता, सबसे अच्छा दिखाई पड़ता है तो ऐसा भ्रम होने लगता है जैसे अम्तीवी में चौपाल और फैशन टीवी में कृषी दर्शन आने लगा हो  चाहते हुए भी आप इस सौल्योषण के लिए उस मार्ट की अट्रैक्टिव आर्ट में खींचकर इंट्री ले ही लेते हैं


        जाते ही सबसे पहले एक होस्त्रूपें सेल्सगर्ल के दर्शन ऐसा फीलगुड कराते हैं, जैसे मेगामार्ट में आयें हों बल्की किंगफिशर की एयार्लैंस में दाखिल हो रहे हों पता चलता है मोहतरमा डेड हज़ार रूपये मंथली विथौत मेंटीनेंस अलाउंस में अपनी सर्विस प्रोवाइड कर रही हैं  यानि की सबसे अच्छा, सबसे सस्ते की शुरुवात यहीं से  हो  जाती है आप जैसे ही अन्दर जाते हैं वैसे ही सो कॉल्ड एक्सक्लूसिव ऑफर्स के टैग आप के सर टकराकर अपने हिट -हॉट ऑफर्स बयां करने लगतें हैं


      मेगामार्ट का सबसे हॉट ऑफर होता है पांचाली ऑफर यानि की बाई 1 गेट 5 । महाभारत काल में यह हॉट था ही और आज भी सुपर-डुपर हिट है आप झट से उसे खरीदकर पांडवों की कैटेगरी में शामिल हो जाते हैं, भले ही उसका प्रिजे इतना सअर्प्रिज़े  करने वाला होता है की उसके दाम में इतनी सहरत जाएँ की पूरे खानदान का का हो जाये
       
इन सबसे  सस्ते  और  सबसे अच्छे मेगामार्ट का  अगला  जाल  होता  है  सबको  बेहाल  करने  वाली  दाल, जिसको  फ्री  में  देने  का  ऐलान  इतने  बीगाछारों  में  लिखा  होता  है  की  जिसे  अँधा  भी  पढ़   ले .  साथ  ही  उसके  नीचे  कंडीशन  अप्लाई  वाला  ट्विंकल  स्टार  इतना  लिटिल  बना  होता  है  की  उसे  मैक्रोस्कोपे  से  भी  न  देखा  जा  सके .  पता  चलता  है  की  उस  1 किलो  दाल  को  फ्री  में  पाने  के  लिए  पहले  आपको  10 किलो  रिफाइंड, 15 किलो  चीनी, 50  क्लियो  आटा, 4 बोतलें  टोमैटो  कैचप  और  5 टोएलेट क्लीनर  खेरीदने  की  कंडीशन पूरे रनी होती हैभले ही उससे आपके साल भर के बजट की कंडीशन क्यों सीरीयस हो जाये । 

इस  सबसे  सस्ते, सबसे  अच्छे  चक्रव्यू  में  किफयत रुपी  जीत  को  पाने  आप  घुस  तो  जाते  हैं  लेकिन  जल्द  ही  आपकी  हालत  अभीमन्यू  से  भी  बदतर  होती  चली  जाती  है .  दुर्योधन  रूपी  ऑफर्स  और  दुशाशन   रूपी  कंडीशन  के  प्रहार  झेलते  हुए  आप  सारे  गेट  पार  कर  बहार  तो  आ  जाते  हैं  फिर  आपकी  फिजिकल  डेथ  भले  ही  न  हुए  हो  पर  फैनेंशिअल  डेथ  ज़रूर  हो  चुकी  होती  है . 
शायद  आज  के  युग  में  सबसे  सस्ते  सबसे  अच्छे  का  काउन्सेप्त  मेगामार्ट  में  न  होकर  कहीं  और  शिफ्ट  हो  गया  है .  सबसे  सस्ता  अब  है  यहाँ  का  आम  आदमी, जिसे  आतंकवादी  सरेआम  गोलियों  से  भून  देते  हैं .  और यहाँ  की  व्यवस्था  के  कहने  ही  क्या  जो  कसाब  जैसे  दरिन्दे  को  अपने  खर्चे  पर  पाल   रही  है .  सबसे  सस्ता  है  अब  इस  देश  की  जनता  का  वोट  जिसे  नेता  कोरे  वायदे  कर  झटक  लेते  हैं  और  सबसे  अच्छा  है  यहाँ  का  प्रजातंत्र  जिसमें  वही  नेता  सरकार  बनाने  के  लिए  बिक  जाते  हैं  और  करोड़ों  गटक  लेते  हैं . 






लेखक - अलंकर  रस्तोगी 


[APPNAME]

4 comments:

  1. Wakai is Mahangai ge daur mein har admi sastee cheson ke peeche bhagta hai.

    ReplyDelete
  2. Wah Khoobkahi!!!!

    ReplyDelete
  3. Sasta kuch bhi nahin hai!!!!!!!!!!

    ReplyDelete

Hi!!!!! You Are Free To Post Comment.