Tuesday, November 03, 2009

आमिर बोले - खूब कही !

खूबचंद ने अपनी मेमोरी पर एक नज़र दौडाई तो पाया की कुछ भूल रहे हैं। काफी ज़ोर डालने पर याद आया की ‘गजनी’ वाले संजय सिंघानियाँ का इंटरव्यू का लेना है। शार्ट टर्म मेमोरी लॉस। लेकिन खूबचंद फिर भूल गए की आखिर किस मुद्दे पर बातचीत करनी है। फिर दीवार पर गजनी वाले खूबचंद ने अपने मोबाइल को रिकॉर्ड पर डाला और आमिर खान से बातचीत करने लगे- सर, मैं आपका इंटरव्यू लेना चाहता हूँ
कौन हो तुम ! जल्दी लो जो भी लेना है वरना मैं भूल भी सकता हूँ की तुम क्या लेने आए हो ? वास्तव में मुझे एक रोग हो गया है, जिसमे कुछ याद्दाश्त से सम्बंधित मामला है लेकिन क्या है मझे याद नहीं। जी मैं उसी से सम्बंधित आपका इंटरव्यू करना चाहता हूँ । खूबचंद ने बालों में बनी पगडण्डी पर अपनी निगाहें दौड़ाईं
आज तो मैं अपनी डायरी घर पर ही भूल आया हूँ उसी में सब लिखा है- आमिर खान ने अपने दाहिने-बाएं कुछ टटोल कर कहा । अच्छा तो मैं चलता हूँ कल आप लेते आएगा।

मैं या तो खूद आ जाऊँगा या फिर किसी को भेज दूँगा उसे दे दीजियेगा।
आमिर खान ने अपनी तर्जनी उंगली सर पर बनी उस सूखी नहर छाप नाली में फिराई । अचानक कुछ याद आया- हाँ, हाँ खूबचंद जी बैठिये । हाँ पूछिए क्या पूछना है ? अभी मुझे पन्द्रह मिनट सब याद रहेगा। फिर धीरे-धीरे सब भूल
जाऊँगा।
आपने ‘गजनी’ बनाई लेकिन हीरो आप ख़ुद है । जनता को बेवकूफ बनाया । जनता तो ‘गजनी’ के सुलतान को देखना चाहती थी। आपने लफंगा दिखाया ।
मैं कुछ अलग हटकर हूँ - आमिर बोले।
आपका हीरो थोडी ही देर बाद सब भूल जाता था, ऐसा क्यों ?
ये थ्योरी हमने फ़िल्म पिटने की दशा के लिए बनाई थी ।
आपका हीरो अपने हाथ-पैर पर लिखना नही भूलता था । कपड़े पहनना नही भूलता था ।

वो हीरो था उसे थोड़ा बहुत याद रखना ज़रूरी था।
लेकिन आपका हीरो अपनी बालों की स्टाइल कभी नहीं भूला ? आमिर मियां रहमान को आस्कर मिल जाने के ट्रौमा से अभी बहार नही निकल पाये थे । गरजकर बोले- आप इंटरव्यू-विन्टर्र्व्यू बंद कीजिये । मैं ‘लगान’ के समय से परेशान हूँ की मुझे आस्कर क्यों नही मिला ? खूबचंद बिना मुद्दे के थे सो कांफिडेंस के साथ बोले- बुरा मत मानियेगा आमिर साहब । आस्कर देते हैं अँगरेज़ लोग । आपने ‘लगान' में अंग्रेजों की तिड़ी बुला दी थी। उनको देना ही नही था। हारा हुआ अँगरेज़ भला हारने वाले को ऑस्कर देगा ?
तो स्लम्डाग को क्यों दिया ? आमिर ने आँसू भरकर पुछा । अपने आपको अंग्रेजों के सामने जितना बड़ा  डाग 
बनाओगे, उतना ही पाओगे । अगली बार आप बनायिगा- ग्रैंड सन ऑफ़ स्लम्डाग । आमिर बोले - ये अपने खूब कही ।

लेखक- सर्वेश अस्थाना
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